Thursday 7 July 2016

Bhagavad Gita quotes – श्रीमद् भागवत गीता अनमोल विचार

bhagavad gita quotes

1) कर्म न करने से, कर्म करना श्रेष्ठ हैं.
2) आसक्ति से कामना का जन्म होता हैं.
3) नैराश्यं परमं सुखम् (निराश परम सुख है.)
4) क्रोध से मुर्खता उत्पन्न होती हैं, मूढ़ता से भ्रान्ति, भ्रान्ति से बुध्दि का नाश, और बुध्दि के नाश से प्राणी का नाश होता हैं.
5) असत का अस्तित्व नहीं है और सत का नाश नहीं है, नित्य रहने वाले देह की यह देह नाशवान कही गई है.
6) कार्य में कुशलता का योग कहते है.
7) सर्वत्र समभाव रखने वाला योगी अपने को सब भूतों में, और सब भूतों को अपने में देखता है.
8) ईश्वर सब प्राणियों के ह्रदय में वास करता है, और अपनी माया के बल से उन्हें चाक पर चढ़े हुये घड़े की भांति घुमाता है.
9) जो अपने हिस्से का काम किये बिना ही भोजन पाते है, वे चोर है.
10) परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है.
11) मन बड़ा चंचल है, मनुष्य को मथ डालता है, अतः बहुत बलवान है.
12) अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है.
13) फल की अभिलाषा छोड़ कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है.
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Tuesday 5 July 2016

जो हुआ अच्छा हुआ – प्रेरणादायक लेख

जो हुआ अच्छा हुआ / Accept Change Motivational Articles In Hindi

लोगो का यही मानना होता है की समय और तारीख के बदलते ही जिंदगी भी बदलती है. लेकिन वास्तव में जिंदगी का बदलाव किसी निश्चित तारीख या समय पर निर्भर नही करता. बल्कि यह तो सतत चलने वाली हर किसी के जीवन में होने वाली प्रक्रिया है.
जिंदगी हमेशा चलती रहती है. जीवन में यदि कोई चीज स्थिर है तो वह बदलाव है. जिंदगी का हर एक पल बदलता रहता है. फिर चाहे उन पलो में आप नए घर भी जा सकते हो, नयी जगह भी जा सकते हो, नया जॉब भी हासिल कर सकते हो, नयी कार भी खरीद सकते हो, शादी या तलाख भी कर सकते हो, बच्चे को जन्म भी दे सकते हो, आर्थिक लाभ या हानी भी हो सकती है और कुछ भी बदलाव हो सकते है. ये सब कुछ हम सभी के जीवन में होता है. हमारे जीवन का ये एक प्राकृतिक भाग है. कभी-कभी बदलाव हमारे हीत में भी हो सकते है और कभी-कभी हमारे विरूद्ध भी हो सकते है. लोग बदलाव को जिंदगी की सबसे बड़ी चीज मानते है. क्योकि बदलाव हम में से हर किसी के जीवन में होता ही है.
इस दुनिया में, चीजे कभी एक जैसी नही रहती, वे लगातार बदलती रहती है. इंसानी विचारो की तरह इस दुनिया में चीजे भी बदलती रहती है. बदलाव को रोकने के फिर चाहे आप कितने की प्रयास क्यों न कर लो, बदलाव यदि होना है तो आप उसे होने से नहीं रोक सकते. जिंदगी में होने वाले बदलावों को आप नहीं रोक सकते.
बदलाव जीवन का ही एक प्राकृतिक भाग है. हमें बदलाव को बिना किसी विरोध के अपनाना चाहिये. साधारणतः सामान्य लोगो को बदलाव से काफी डर लगता है. क्योकि उन्हें इस बात का डर होता है की कही बदलाव से वे विपरीत परिस्थितियों में न फास जाये, या फिर कही वह अपनी वर्तमान सफलता न खो बैठे. यह सिद्ध हो चूका है की किसी के भी खिलाफ लड़ने से वह आपको और ज्यादा ख़राब बनाते है. बदलाव हमेशा अलग-अलग नही होते. जब आप बदलाव का सामना करते हो तो उस से आपको गुस्सा, अशांति, दर्द, चिंता और तकलीफ हो सकती है क्योकि उस समय आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती रहती है. इसीलिए आनंदमय जीवन जीने के लिये आपको यह सलाह देना चाहूँगा की जीवन में बदलाव को ख़ुशी से अपनाये. अपनी महत्वपूर्ण उर्जा को गुस्सा करने में, चिंता करने में या लड़ने में व्यर्थ न करे. बल्कि अपनी उर्जा को अच्छी आदतों में लगाये.
यदि बदलाव से आपका कोई आर्थिक नुकसान होता है तो ज्यादा चिंतित मत होइए क्योकि शारीरिक और मानसिक नुकसान की तुलना में आर्थिक नुकसान काफी छोटा होता है. यहाँ मै आपको कुछ उपाय बताऊंगा जिससे आप बदलाव से होने वाले इन नुकसानों से बच सकते हो.
बदलाव को अपने विकास का अवसर समझे, उसे विकास के नजरिये से देखे और उसे हसी-ख़ुशी अपनाये. नयी परिस्थितियों का, नयी चुनौतियों का हमेशा स्वागत करे. आपमें सच का सामना करने की और उसे सुनने की आदत होनी चाहिये, तभी आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हो. बदलाव के इस अवसर को आपके कल्याण के लिये भगवान् द्वारा भेजा गया पुरस्कार समझिये. आपको हमेशा यह याद रहना चाहिये की भगवान् हमेशा आपके लिये अच्छा ही चाहता है और हमेशा आपका ध्यान रखता है. स्वर्ग में बैठा वह आपके पिता समान है. इसीलिए उनके द्वारा भेजे गए अवसरों के रास्तो पर चलते हुए आप कभी गलत मार्ग पर नही जा सकते. इसीलिए जीवन में बदलाव को आसानी से अपनाये.
हमेशा याद रखे की हर नकारात्मक परिस्थिति भविष्य में आपके लिये सकारात्मकता के बीज बोये रखती है. यदि आपने कोई पुराणी चीज खो डी है तो डरिये मत भविष्य में आपको उस से भी अच्छी चीज मिल सकती है. यदि आप बदलाव को चुनौतियों और अवसर की तरह स्वीकार करो तो आपका जीवन समृद्ध जीवन बन सकता है.
बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण हमारे सामने पिछले 150 सालो का है. पिछले 150 सालो में तेज़ी से देश में बदलाव हुए है और देश का विकास हुआ है, और ये बदलाव आज भी चलता जा रहा है. आप भी बदलाव की इसी दुनिया में रहते हो इसलिए आपको सहज ही इसे अपनाना चाहिये –
Read :- सफल लोगो की 12 अच्छी आदते : Good Habits In Hindi For Success
बदलाव को ख़ुशी से अपनाने के लिये आपको निचे दिए गये उपाय जरुर करने चाहिये-
1. ध्यान लगाना – ध्यान केन्द्रित करने की बहोत सी तकनीक बहोत सी किताबो और लेखो में बताये गये है. ध्यान केन्द्रित करने से आपमें चमत्कारीक रूप से अपार उर्जा का समावेश होता है. इससे आपका मस्तिष्क सकारात्मक विचारो से भरा होता है और सही दिशा में चलने लगता है. बहोत सी ध्यान केन्द्रित करने वाली साधनाओ का उपयोग करके आप मनचाहे बदलाव भी कर सकते हो.
2. सांस लेने की क्रिया – श्वास ही जीवन है और योगा के आठ तत्वों में से एक श्वास है और इसे प्राणायाम के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ श्वास संबंधी योगा करते हुए, आप अपने मस्तिष्क को गति प्रदान कर सकते हो जिससे आपका मस्तिष्क जीवन में होने वाले बदलावों को आसानी से अपनायेंगा.
3. कल्पनाशक्ति – कल्पनाशक्ति एक तकनीक है. मस्तिष्क और कल्पनाशक्ति की ताकत से आप जीवन में जो चाहते हो वो बना सकते हो. आप अपनी जिंदगी में मनचाहे बदलाव कर सकते हो, आप जिन लोगो को चाहते हो उन लोगो को भी अपने पास बुला सकते हो.
कल्पनाशक्ति आकर्षण के सिद्धांत की तरह ही काम करती है. कल्पनाशक्ति में भी आप परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना सकते हो. और जीवन में मनचाहे बदलाव कर सकते हो.
बदलाव के समय आपको भगवान् द्वारा कही प्रार्थना को पढना चाहिये की, “भगवान् ने मुझे जीन चीजो को मै बदल नही सकता उन चीजो को अपनाने की ताकत दी है, जीन चीजो को मै बदल सकता हु उन्हें बदलने की हिम्मत दी है और दोनों के बीच के अंतर को जानने की आज़ादी दी है.”
भगवत गीता का यह सार, निश्चित ही हमें प्रेरित करेगा-
“जो कुछ भी हुआ अच्छे के लिये हुआ,
जो कुछ भी हो रहा है अच्छे के लिये हो रहा है और,
जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा.”
इसीलिए खुद पर भरोसा रखे और विश्वास करे की भगवान् भी आपसे बहोत प्यार करता है, उसे आपकी फ़िक्र है वह कभी आपको मायूस नही करेगा.

बदलाव पर कुछ अनमोल विचार – Quotes on Accept Change In Hindi

1. हमने सोचने की प्रणाली से इस दुनिया का निर्माण किया है. अपने विचारो को बदले बिना हम इस दुनिया को नहीं बदल सकते. – Albert Einstein
2. जीवित रहना मतलब बदलना, बदलना मतलब पूर्ण विकसित होना, विकसित होना मतलब अपनेआप को बनाना है. – Henri Bergson
3. आप दुनिया में जो बदलाव देखना चाहते है उसे देखने के लिये आपको खुद को बदलने की जरुरत होगी. –Mahatma Gandhi
4. यदि हम दूसरो का इंतज़ार करेंगे तो बदलाव कभी नही आयेगा और यदि हम किसी और समय का इंतज़ार करेंगे. तो हमें खुद को बदलने की जरुरत होगी, तभी हम दुनिया में मनचाहा बदलाव देख पायेंगे. – Barrack Obama
5. हर कोई दुनिया को बदलने के बारे में सोचता है, लेकिन कोई अपनेआप को नहीं बदलता. – Leo Tolstoy
6. आपकी जिंदगी भाग्य से अच्छी नही होती, बल्कि बदलाव से अच्छी होती है. – Jim Rohn
7. वो हमेशा कहते है की समय चीजो को बदलता है, लेकिन वास्तव में हमें समय के अनुसार बदलने की जरुरत होती है. – Andy Warhol
8. सभी बदले बदलाव की शुरुवात एक छोटे से बदलाव से ही हुई है. – Deepak Chopra
9. जब हम परिस्थितियों को नहीं बदल सकते, तो हमें स्वयं को बदलने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिये. – Victor Frankl
10. चीजे बदल चुकी है. और दोस्त भी छोड़कर चले गये है. जिंदगी किसी के लिये नहीं रूकती. – Stephen Chbosky
11. बदलाव हमेशा आचरण पुरस्कार की तरह आता है. – Prince Pritchett

More Motivational Articles In Hindi For Success :-

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5 प्रेरणादायक जीवन मंत्र | 5 Jeevan Mantra In Hindi


अपने विचारो को सकारात्मक रखे क्योकि आपके विचार ही आपके शब्द बनते है. अपने शब्दों को सकारात्मक रखे क्योकि आपके शब्द ही आपका स्वभाव बनते है. अपने स्वभाव को सकारात्मक रखे क्योकि आपका स्वभाव ही आपकी आदत बनता है. अपनी आदतों को सकारात्मक रखे क्योकि आपकी आदते ही आपके गुण बनते है. अपने गुणों को सकारात्मक रखे क्योकि आपके गुण ही आपकी किस्मत निर्धारित करते है. – महात्मा गांधी – MAHATMA GANDHI

5 प्रेरणादायक जीवन मंत्र / 5 Jeevan Mantra In Hindi :

1) Jeevan Mantra – अपने विचारो को बताने से पहले थोडा सोच ले :
गलत समय पर गलत बाते बोलना आपकी मुसीबतों को बढ़ा सकता है.
अंततः हम सभी को आत्ममंथन की जरुरत होती ही है. ये एक साधारण उपाय है हम हमारे रवैये को बदलकर ही जिंदगी में बहोत सी मुसीबतों का सामना आसानी से कर सकते है. और प्यार भरे रिश्तो को जिंदगीभर के लिये बनाये रख सकते है.
2) Jeevan Mantra – आलोचनाओ से दूर रहे और दूसरो का मजाक न उडाये :
हमारी अनुभूति और उसके प्रकोप के दो तरह के प्रभाव होते है. यदि आप प्यार, स्नेह, दया, करुणा, कल्याण के रूप में सकारात्मक विचारो को भेजते हो तो इससे आपके संबंध और भी मधुर और मजबूत बनेंगे. इसके विपरीत जो लोग गुस्सा, नफरत, चिंता, आलोचना, गलतिया ढूंडना, नकारात्मक सोचना और बुरे शब्दों का प्रयोग करते है, उनके संबंध ख़त्म होते हुए नज़र आते है. और इसी की चिंता में इंसान के जीवन से प्यार और ख़ुशी हमेशा के लिये चली जाती है. दो इंसानों में संबंध में दोनों में एक-दूजे को समझने की ताकत होनी चाहिये, ना की एक-दूजे में अहंकार और द्वेषभाव होना चाहिये.
3) Jeevan Mantra – क्या आप आसानी से दुखी होते हो और मुश्किल से खुश होते हो ?
मेरा ऐसा मानना है की अच्छी और बुरी आदतों को सिमित जगह तक ही रखना आपको गलत रास्तो पर ले जा सकता है. लोगो में बुरी आदतों को जल्दी अपनाने की और उन्हें विकसित करने की आदत होती है जबकि अच्छी आदते बड़ी मुश्किल और लाख कोशिशो के बाद ही लगती है. और इसी वजह से हम एक-दुसरे से नाराज़ रहते है. हमें हमारी आंतरिक भावना को सोच-समझकर ही बाहर लाना चाहिये. आंतरिक भावना के बारे में विचार करते हुए हमें सकारात्मक भावनाओ को बाहर लाना चाहिये और नकारात्मक भावनाओ को नष्ट कर देना चाहिये.
इसके विपरीत ख़ुशी का अहसास, प्यार, आकर्षण, ध्यान रखना, दया और करुणा ये सब हमें अपने स्वभाव में ही दिखाई देता है. हमारा स्वभाव ही हमारे गुणों को दर्शाता है और हमारे स्वभाव पर ही हमारा खुश रहना निर्भर करता है.
रिश्तो में आयी खटास को दूर करने का शबे आसान उपाय अपने स्वभाव को नम्र बनाना और परिस्थिति चाहे आपके अनुकूल हो या विपरीत हमेशा मुस्कुराते रहना ही है. खुश रहने के लिये आपको अपने स्वभाव को बदलने की जरुरत होगी.
4) Jeevan Mantra – अपनी परीभाषा को बदले :
अपनी परीभाषा को इस कदर बनाये की आप आसानी से खुश हो जाये और बड़ी मुश्किल से मायूस हो पाये. निश्चित करे की आपका सबसे अच्छा दिन आज ही है, आज ही आप आसानी से मनचाही जिंदगी जी सकते हो. इन बातो को हमेशा याद रखे तभी आपके जीवन में ख़ुशी, प्यार, आज़ादी हमेशा बनी रहेंगी.
यदि आपसे कोई यह प्रश्न करता है की आप बहोत खुश और उत्साही कैसे रहते हो? तो आपका जवाब, “मै इसलिए खुश हु क्योकि मै आज में जीता हु और आसानी से सांस ले पाटा हु और आसानी से खुश हो जाता हु” होना चाहिये.
आपका ये रवैया आपको एक खुशनुमा जिंदगी जीने में सहायक साबित होगा. और आप हमेशा के प्यार, आकर्षण, सहायक और दया, करुणा के वातावरण में रहने लगोगे, जिससे आपका स्वास्थ और आपकी संपत्ति दोनों ही सुरक्षित होंगे.
आसानी से खुश होने के अलावा एक और बात है जो आपमें होनी चाहिये, और वह है की आसानी से दुखी न होना. किसी भी इंसान के लिये आपको दुखी कर पाना असंभव होना चाहिये. अपने मायूसी की एक सीमा निश्चित कर ले. ठान ले की आप तभी मायूस होंगे जब आपका दिन में 10 लाख डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान होगा, यदि इस तरह की कोई घटना आपके जीवन में होती है तो आपको मायूस होना चाहिये. यदि आप इन सीमाओ को अपने जीवन में उपयोग करो तो आप कभी आसानी से मायूस नहीं हो पायेंगे. और आप जिंदगीभर खुश रह पायेंगे.
5) Jeevan Mantra – इन शर्तो को प्रयोग में लाये :
आप जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये ही सारे बदलाव करते हो. इन आदतों को बढाने के लिये आपको नम्र, इमानदार और लगातार किशिशे करते रहने की जरुरत है. हर समय आपको जीवन की इस नयी परीभाषा का ज्ञान होना चाहिये. इन सभी शर्तो को बहोत सारे पन्नो पर लिखे और उन्हें घर में अलग-अलग जगहों पर लगाये. ताकि बार-बार आपका ध्यान उनकी तरफ जाये. आप इन सभी शर्तो को अपने कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल का वॉलपेपर बनाकर भी रख सकते हो.
ऐसा करने से कुछ ही दीनो में आपकी बुरी आदते अच्छी आदतों में परीवर्तित हो जाएँगी, और आप खुद को इस दुनिया का सबसे खुश इंसान पाओगे. ऐसा करने से आप हमेशा खुश रह सकते हो. और अपने रवैये से दूसरो को कैसे खुश किया जा सकता है यह भी सिख सकते हो.
और इस दुनिया में गुस्सा, नफरत, मायूसी और मुसीबत के लिये कोई जगह नही होंगी.
एक बात हमेशा याद रखे…….
प्यार और ख़ुशी की हर जगह जीत होती है.
जरुर पढ़े :-
  1. सफल लोगो की 12 अच्छी आदते
  2. Success steps and tips in Hindi
  3. सफलता के लिये ज्ञान की बाते
  4. जीवन में सफलता पाने के 11 सूत्र.
जीवन मंत्र पर 10 अनमोल विचार – 10 Quotes On Jeevan Mantra In Hindi :
1) हम शिकायत कर सकते है की गुलाब के पौधे को कांटे होते है या हम आनंदित भी हो सकते है की काटो को गुलाब लगे है. – Abraham Lincoln
2) इस क्रोध दिलाने वाले को आपने कहा जन्म दिया? इसे लाने में मुझे कई साल कोशिशे करनी पड़ी. – Misty Massey
3) मुझे वो लोग पसंद है जो मुसीबतों में भी हसते है… – Leonardo da Vinci
4) हर कोई दुनिया को बदलने की सोच रहा है लेकिन कोई खुद को बदलने के बारे में नहीं सोच रहा. – Leo Tolstoy
5) रवैया एक बहोत छोटी चीज जो आपमें बहोत बड़ा बदलाव ला सकती है. – Winston Churchill
6) हम हमारे भुतकाल को नहीं बदल सकते…हम लोगो के स्वभाव को भी नही बदल सकते. हम निश्चितता को भी नही बदल सकते. यदि हम कुछ कर सकते है तो हम एक रस्सी पर खेल सकते है और वह रस्सी होगी हमारा रवैया. मै इस बात का कायल हु की जिंदगी सिर्फ 10% कुछ करती है बाकी 90% हमारी प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है. इसीलिए हमें सकारात्मक रवैये के साथ चलना चाहिये. – Charles R. Swindoll
7) हमारी सबसे ख़ुशी ख़ुशी का सबसे बड़ा भाग हमारे स्वभाव पर निर्भर करता है, ना की हमारी परिस्थितियों पर. – Martha Washinton
8) यदि आप ये नही सोच सकते की हर दिन एक अच्छा दिन है, तो उन्हें याद करने की कोशिश कीजिये. – Cavett Robert
9) यदि कोई इंसान खुश रहना चाहता है तो वह लम्बे समय तक खुश रह सकता है. – Alexander Solzhenitsyn
10) यदि आप सही में खुश रहना चाहते है तो आपको कोई नही रोक सकता. –A uthor Unknown
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सफलता के लिये ज्ञान की बाते | Gyan Ki Baatein In Hindi

10 ज्ञान की बाते जो आपको तेज़ी से सफलता और ओर ले जा सकती है

रुको! ये 10 ज्ञान की बाते को जाने बिना नए दिन की शुरुवात करने के लिये एक कदम भी आगे मत बढाइये.
ये 10 ज्ञान की बाते आपमें अपार उर्जा का निर्माण करेंगी, इसीलिये अपना पुरा ध्यान इस लेख पर दीजिये! जब आप इन ज्ञान की बातो को अपनाओगे, तो आपको सफल बनने से कोई नही रोक सकता.
आप सफल बनना चाहते हो सिर्फ इस वजह से आपके जीवन में कभी सफलता नही आएँगी. यदि आप निचे दी गयी आदतों को नही अपना सकते हो तो आपका जीवन भारी भरकम कुत्ते के साथ दौड़ने के बराबर है. जब कभी भी आप अपने आस-पास सफल लोगो को देखते हो, तब ये बात कभी नही भूले की वे भी अपने आप को इन्ही 10 ज्ञान की बातो मानते है. सफलता के रास्तो में उन्होंने कई बार असफलता भी देखी है. सफल इंसान सफलता पाने के लिए अपनी कई आदतों का त्याग भी करता है और कई नयी आदतों को अपनाता भी है.
यदि आप सफलता प्राप्त करने के लिए गंभीर हो, तो आपको अपने अंदर के साधारण इंसान को कुछ नया पाने के लिए छोड़ना होंगा, इसी तरह आपमें बदलाव आ सकते है.

सफलता के लिये 10 ज्ञान की बाते / 10 Gyan Ki Baatein In Hindi

ज्ञान की बात नं. 1 – सुबह पर अपना कब्ज़ा कर ले –
जहा कम सफल लोग सोते है वही सफल लोग रोज़ अपने नये-नये इरादों के साथ आगे बढते चले जाते है. जब दुसरे लोग विदेशो में घूम रहे होते है तब ऐसे लोग दिन-रात काम करते है. जब आप सुबह के समय अपने द्वारा लिए गए निर्णय को कुछ समय बाद झपकी का अलार्म दबाते हो, तो आपके लिये सफल बनना और भी मुश्किल होता जायेंगा.
सुबह के समय जल्दी उठकर पुरी सुबह को ही अपने कब्जे में कर ले, ताकि आप अच्छे से अच्छा काम कर सको. एक स्वस्थ नाश्ते की तरह अपने शरीर को बनाये और एक अच्छी किताब की तरह अपने मस्तिष्क को बनाये. जब दुनिया में बाकी लोग पलंग पर आराम कर रहे होते है तभी आपको अपने ये सारे काम कर लेने चाहिये. और सुबह को अपने कब्जे में कर लेना चाहिये.
Gyan Ki Baatein No. 2 – अपना हर दिन एक उद्देश के साथ शुरू करे –
अपने दिन की शुरुवात एक स्पष्ट उद्देश के साथ शुरू करने से आप आसानी से अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हो. जैसा की हमने पहले भी कहा है की सफल इंसान “सिर्फ इसलिये” कोई भी काम नही करते. सफल इंसान अपना हर एक काम किसी न किसी उद्देश के साथ ही करता है. कोई भी काम आप क्यों कर रहे हो? इस बात को जानना, आपमें आपके लक्ष्य को पाने की अपार उर्जा निर्माण करता है.
ज्ञान की बात  नं.3 – प्रतिउत्तर (दुसरे सलाह ले) से कुछ सीखे –
बहोत से लोग इस बात से नफरत करते है की वे जो कुछ भी कर रहे है उसके प्रतिउत्तर में लोग उन्हें गलत बोले और कुछ नया करने की सलाह दे. दुसरे के सलाह को स्वीकार करना कोई आसान काम नही है, लेकिन यदि आप ये निर्णय ले लेते होते की आप उनके सलाह को सुनोंगे और अपने कार्य में सुधार की कोशिश करोंगे, तो आपका प्रदर्शन और भी ज्यादा अच्छा होने लगेंगा.
हम यहाँ ये नही कह रे है की सभी के सलाह को सुने और उन्ही के अनुसार आगे बढ़ते रहे. बल्कि हमारा मतलब है की, आप अपने जीवन में कुछ अच्छे और सफल इंसानों का चुनाव करे. जिनके बारे में आप सब कुछ जानते हो, या जो आपको दिल से चाहते हो या जिनको आपने रूचि है. और उन्ही के सलाह को सुनकर, उनके द्वारा बताये गये उपायों पर चलने की कोशिश करे. ऐसा करने से ही आपमें आंतरिक और शारीरिक बदलाव होंगा, और आपके प्रदर्शन में भी सुधार आयेंगा.
यदि आपको कोई मुश्किल होंगी के कैसे लोगो से उनके सलाह लिए जाये और कैसे उन्हें अपने जीवन में अपनाया जाये, तो आपके लिए ये लेख बहोत ही मददगार साबित हो सकता है.
Gyan Ki Baatein No.4 – असफलता को स्वीकार करे –
असफलता निश्चित ही मुश्किल होती है, लेकिन हर कोई जिंदगी में असफल नही बनना चाहता. कई बार सफल इंसान भी सफलता के रास्ते में असफल होते है, लेकिन वे भावनाओ में बहकर वही रुक नही जाते. बल्कि वे तो असफलता से सीखते है. असफलता उन्हें सिखाती है की उन्हें अपने प्रदर्शन में क्या बदलाव करने चाहिये, कहा सुधार करना चाहिये, और असफलता से ही सीखकर वे दोबारा उस गलती को नही दोहराते जो उन्होंने पहले की थी.
ज्ञान की बात नं. 5 – थोडा सा ज्यादा करने की कोशिश करे –
जब कभी भी आप जिम में काम कर रहे होते हो, तो 10 के जगह 11 रेप्स (Reps) मारने की कोशिश कीजिये. ऑफिस में 15 फोन करने की बजाये 16 कीजिये. आप कुछ ऐसा कर रहे हो जो आपको जरा भी पसंद ना हो तो उसे एक और बार करने की कोशिश कीजिये, इससे आपकी मानसिक विचारधारा बदलेंगी. जिसमे आप जानते हो की आपको वह काम करना पसंद नही लेकिन बार-बार करते रहने से उसमे आपकी रूचि निर्माण होते चली जाती है.
थोडा सा ज्यादा करने की कोशिश करे. जो एक साधारण इंसान कभी नही करता.
Gyan Ki Baatein No. 6 – अपने रवैये का चुनाव करे –
किसी भी दिन घर से बाहर पहला कदम रखने से पहले आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यही होती है की अपने दिन का सामना करने के लिए आप किस रवैये को अपनाते है. नकारात्मक रवैया आपके दिन को बुरा, बहोत बुरा बना सकता है. लेकिन एक सकारात्मक रवैया आपके जीवन में अच्छे और महान विचारो की वर्षा कर सकता है. इसीलिए हमेशा घर से बाहर निकलने से पहले अपने रवैये को निश्चित कर ले, क्योकि जितना अच्छा रवैया आप अपनओंगे, उतना ही अच्छा आपका दिन होंगा.
ज्ञान की बात नं. 7 – मुश्किल कामो को करने की कोशिश करे –
जहा दुनिया में लोग सबसे सरल, तेज़ और आसान रास्ता अपनाकर सफल बनना चाहते है वही आपने मुश्किल से मुश्किल रास्तो को अपनाकर सफल बनने की कोशिश करनी चाहिये. मुश्किलों से दूर भागकर आप अपनी सफलता को खुद से और भी दुर भेजते चले जाते हो. आपको कंधे से कंधा मिलाकर सफलता के रास्ते में आने वाली मुश्किलों का सामना करना चाहिये. आँख से आँख मिलाकर आने वाली मुश्किलों का सामना करना चाहिये.
और हमेशा यही सोचना चाहिये की आप कोई भी मुश्किल से मुश्किल काम कर सकते हो.
Gyan Ki Baatein No. 8 – अपने लक्ष्य को रोज़ पुर्नस्थापित करे –
बहोत से कम सफल लोग यही सोचते है की अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिंदगी ही उन्हें कभी आकर्षित करेंगी. ऐसे इंसान वे क्या करना चाहते है की बजाये क्या कर रहे है इस बात पर ज्यादा ध्यान देते है. यदि आप अपने लक्ष्य को रोज़ पुर्नस्थापित करते हो तो आपके लिये सबसे अच्छी बात यही होंगी की आप आसानी से उसे प्राप्त कर सकते हो.
जब आप अपनी जरुरत के अनुसार काम करते हो, तभी आप अपने आप को सशक्त बना सकते हो.
ज्ञान की बात नं. 9 – कोई आपको भयभीत नही कर सकता –
कभी दूसरो से अपनेआप को भयभीत महसुस ना होने दे. कोई भी महान काम करने के लिये आपको किसी से भी इजाज़त लेने की जरुरत नही है. सिर्फ इसलिए की वे बुद्धिमान है, उन्हें अपने सिर पर ना बिठाये. आप में भी बहोत अनुभव है और आप में उनसे भी महान सफलता हासिल कर सकते है. दूसरो को अपने से ज्यादा बुद्धिमानी मानना मतलब अपने विश्वास और हिम्मत को कम करना है. ऐसा करने से आपकी काबिलियत में भी कमी आएँगी कोकी उस समय ऐसा सोचने लागोंगे की आप उनकी तरह अच्छे या महान नही है.
हमेशा याद रखे, हर किसी को बदला जा सकता है और हर किसी को हराया जा सकता है…बल्कि आपको भी.
प्रतियोगिता की इज्ज़त करना सीखे और कभी भी न डरे. क्योकि ऐसा बहोत सी बार हो सकता है की प्रतियोगिता देखकर आप डर जाओ.
Gyan Ki Baatein No10 – हमेशा धैर्य रखे –
अच्छी बाते या चीजे उन्ही के रास्तो में आती है जो सब्र करते है, और सफल व्यक्ति इस बात को अच्छी तरह जानते है. एक ही रात में सफलता बहोत ही कम लोगो को प्राप्त होती है और एक समाधानी सफलता वर्षो के कठिन परीश्रम के बाद प्राप्त होती है. इसीलिए हमेशा धैर्य रखे, हमेशा आगे बढ़ने में ही ध्यान केन्द्रित करे और अपनी आँखे मिलने वाले पुरस्कार पर रखे.
जब कभी भी सफल बनने की बात आती है, तब आपमें मिलो तक आगे चलने की इच्छा जागृत होती है. ये आसान नही है, लेकिन जब भी आप अपने लक्ष्य तक पहोच जाते हो, तब आप अपने आप को सफल मानने लगते हो. बस यही सफलता है.

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पढाई की जबरदस्त टिप्स – Study Tips In Hindi

“पढाई कैसे करना” ?.. कोई भी इंसान पढाई करते समय अपने पढ़ने की क्षमता और पढ़ने के तरीके को विकसित करना चाहता है, इसके लिये बहोत से विद्यार्थी टाइम मैनेजमेंट भी करते है. आज इस लेख में हम यहां कुछ बेहतरीन  Study Tips दे रहे है. हम यहाँ स्टूडेंट के लिये कुछ प्रभावशाली आदतो को बताने जा रहे है, जिन्हें अपनाकर निश्चित ही वे अपने score को बढ़ा सकते है और अकादमिक करियर की शुरुवात कर सकते है.

पढाई की जबरदस्त टिप्स – Study Tips In Hindi

पढाई करने के लिये आपको पर्याप्त समय और एक सही जगह की जरुरत होती है, क्योकि आपका पढाई का समय और पढ़ने की जगह आपमें बडा बदलाव ला सकती है. और जो छात्र इस नियम को नही अपनाते वे पढ़ते समय होमवर्क के प्रति चिंतित रहते है और वह कभी जान नही पाते की उन्हें कब और कहा पढाई करनी चाहिये. बल्कि वे तो यह भी नही जान पाते की असाइनमेंट या होमवर्क करने के लिये उनके पास दूसरा समय भी है. पढ़ने का समय और पढ़ने की जगह निर्धारित करने से आपको पढाई करते समय कोई चिंता नही होंगी और आप खुले दिमाग से पढाई कर सकोगे.
Study Tips : 1. मनोदशा निर्धारित करे –
केवल आप ही जानते हो की आपको कौनसे काम करने है. क्या आप हलके बैकग्राउंड म्यूजिक में कोई काम कर सकते हो? या शुरू करने से पहले यदि आपके सामने खाना रखा हो? मेरे हिसाब से आप सुबह-सुबह और क्लासेस में ही अच्छी तरह से पढ़ सकते हो. हो सकता है की आप रात में जागने वाले उल्लू भी हो जिनका दिमाग रात में 1 से 3 के बिच अच्छा काम करता हो. ये कोई मायने नही रखता की आपका मूड कैसा है, बल्कि ये मायने रखता है की आप अपने काम के प्रति कितने ईमानदार हो और काम करने की कितनी इच्छा आपमें है.
Study Tips : 2. अभ्यास समूह (स्टडी ग्रुप) ढुंढने की कोशिश करे-
जब आप एक सही स्टडी ग्रुप ढुंढने में सफल होते हो तो आप आसानी से कठिन विषय और कोर्स मटेरियल को भी आसानी से हल कर लेते हो. हमेशा इस मुहावरे को याद रखे, “एक सर से दो सर बेहतर है और दो सर से तीन सर बेहतर है……”. यह कहावत इस विषय पर सही साबित होती है.
Study Tips : 3. जब भी हो सके तब क्लास डिस्कशन में भाग लेना चाहिये.
यदि मन में कोई प्रश्न हो तो उसे पूछना चाहिये. यहाँ मेरे कहने का मतलब यह है की यदि आप क्लास डिस्कशन में हिस्सा लेते हो तो आप जो दूसरे लोग कह रहे है उन बातो पर ध्यान देते हो.
Study Tips : 4. थोडा विश्राम करे-
योजना बनाने के लिये पर्याप्त समय लेना ही छात्र में पायी जाने वाली महत्वपूर्ण योग्यताओ में से एक है. इतिहास की परीक्षा के लिये अपने सप्ताह की शुरुवात काफी लंबे लक्ष्य को लेकर न करे – बल्कि अपने लक्ष्य को छोटे-छोटे भागो में विभाजित करे. यदि इतिहास की परीक्षा हो तो उसका कैलेंडर बनाये. उदाहरण, हर दिन आप 1 से 3 बजे तक इतिहास को पढ़ सकते हो ऐसा करने से आपको हफ़्तों तक लगातार इतिहास पढने की जरुरत नही होंगी.
Study Tips : 5. किसी की सहायता लेने से न शरमाये-
शुरू में या बाद में हर छात्र एक ऐसी परिस्थिति से होकर गुजरता है जब उसे किसी के मदद की जरुरत होती है. क्योकि कुछ विषय छात्र के सर के ऊपर से जाने लगते है, जिसमे गणित मुख्य रूप से शामिल है, बहोत से छात्र ऐसे समय में मेहनत करते रहते है. लेकिन फिर भी समझ न आने पर गुस्सा होते है और नाराज़ होते है, लेकिन यदि आप किसी से सहायता लो तो आपको गुस्सा होने की जरुरत ही नही होंगी. यदि जिनसे आपने प्रश्न पूछा उन्हें उसका उत्तर या हल नही पता हो तो आप किसी और से भी सहायता ले सकते हो, सहायता लेते समय आपको जरा भी शर्माना नही चाहिये. क्योकि किसी की सहायता लेने से आप अपने दिमाग की आंतरिक दुविधाओं को भी दूर कर सकते हो.
Study Rules : 6. प्रेरणा –
यदि आप प्रेरित नही हो और आपका रवैया भी काफी कमजोर है, तो आपका पढ़ने का समय ज्यादा उत्पादित नही हो सकता. क्योकि कोई भी परीक्षा पास करने का आपके पास एक ही मौका होता है. इसीलिये पढाई करने के लिये ऐसे समय का चुनाव करे जिस समय में आप प्रेरित रहते हो और प्रश्न हल करने के लिये भी तैयार रहते हो.
Study Rules : 7. टाइम-मैनेजमेंट –
ये वह समय नही है जो आपने पढाई करने में बिताया. बल्कि ये वह समय है की उस समय में आपने क्या हासिल किया. 40 घंटे की परीक्षा की पढाई करने में बिताना और अंत में उसमे केवल C ग्रेड मिलना, मतलब आप अपने समय को व्यर्थ गवा रहे हो. इसके लिये आपको अपने स्टडी प्लान को विकसित करने की जरुरत है और समय का सदुपयोग करने की जरुरत है तभी आप बेहतर परिणाम (रिजल्ट) पा सकते हो.
Study Rules : 8. जब आपको शक हो, तो पूछे –
यदि आपको कोई विषय समझ नही आया या आपको थोडा शक है तो निश्चिंत होकर अपने सलाहकार, परिवार, दोस्त या फिर सर से पूछे. क्योकि किसी भी विषय पर यदि शक हो तो उसे दूर करना बहोत जरुरी होता है. नही तो पढाई करते समय वह विषय जरा भी नही समझेंगा.
Study Tips : 9. ध्यान –
ध्यान केंद्रित करने की योग्यता का होना छात्रो में पायी जाने वाली मुख्य योग्यताओ में से एक है. क्योकि हर वक्त पढाई करते समय आपके आस-पास का वातावरण शांत नही हो सकता इसीलिये आपको पढाई करते समय विषय पर ध्यान केंद्रित करने की जरुरत है. आपको अपना पूरा ध्यान अपने विषय पर ही देना चाहिये.
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गुरु गोबिन्द सिंह की जीवनी | Guru Gobind Singh History In Hindi


गुरु गोबिन्द सिंह की जीवनी / Guru Gobind Singh History In Hindi

उनका सिक्ख धर्म के लिए उल्लेखनीय योगदान था। 1699 में उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की उनके “पांच धर्म लेख सिखों” सिक्खो का हमेशा मार्गदर्शन करते है। सिक्ख धर्म की स्थापना में उनका योगदान उल्लेखनीय था। उन्होंने 15 वी सदी में प्रथम गुरु गुरु नानक द्वारा स्थापित गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया व गुरु रुप में सुशोभित किया।
परिवार और पूर्व जीवन-
गुरु गोबिन्द सिंह, गुरु तेग बहादुर के इकलौते पुत्र थे और उनकी माता का नाम गुजरी था। गुरु गोबिन्द सिंह का जन्म पटना में हुआ था। उनके जन्म के समय उनके पिता असम में धर्म उपदेश के लिए गय थे। मार्च 1672 में गुरु गोबिन्द सिंह का परिवार आनंदपुर में आया, यहाँ उन्होंने अपनी शिक्षा ली जिसमे उन्होंने पंजाबी, संस्कृत और फारसी की शिक्षा ली। 1675 मे उनके पिता की मृत्यु के बाद मार्च 1676 मे वे गुरु बने।
गुरु गोबिन्द सिंह के तिन विवाह-
● पहला विवाह माता जीतो से 21 जून 1677 को आनंदपुर से 10 किलोमीटर दूर उत्तर में बसंतगढ़ में हुआ।
इनसे इनके तिन पुत्र जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह थे।
● दूसरा विवाह उन्होंने 4 अप्रैल 1684 में माता सुंदरी से आनंदपुर में किया।
इनसे इनका एक पुत्र अजित सिंह था।
● 15 अप्रैल 1700 को आनंदपुर में माता साहिब देवन से उनका तीसरा विवाह हुआ।
गुरु गोबिन्द सिंह की कुछ रोचक बाते-
  1. गुरु गोबिन्द सिंह को पहले गोबिन्द राय से जाना जाता था। जिनका जन्म सिक्ख गुरु तेग बहादुर सिंह के घर पटना में हुआ, उनकी माता का नाम गुजरी था।
2. 16 जनवरी को गुरु गोबिन्द सिंह का जन्म दिन मनाया जाता है। गुरूजी का जन्म गोबिन्द राय के नाम से 22 दिसम्बर 1966 में हुआ था। लूनर कैलेंडर के अनुसार 16 जनवरी ही गुरु गोबिन्द सिंह का जन्म दिन है।
3. वे सिर्फ 9 वर्ष के थे जब वे दसवे सिक्ख गुरु बने। उन्होंने अपने पिता के नक़्शे कदम पर चलते हुए वे मुग़ल शासक औरंगजेब से कश्मीरी हिन्दू की सुरक्षा की।
4. बचपन में ही गुरु गोबिन्द सिंह के अनेक भाषाए सीखी जिसमें संस्कृत, उर्दू, हिंदी, ब्रज, गुरुमुखी और फारसी शामिल है। उन्होंने योद्धा बनने के लिए मार्शल आर्ट भी सिखा।
5. गुरु गोबिन्द सिंह आनंदपुर के शहर में जो की वर्तमान में रूपनगर जिल्हा पंजाब में है। उन्होंने इस जगह को भीम चंड से हाथापाई होने के कारण छोडा और नहान चले गए जो की हिमाचल प्रदेश का पहाड़ी इलाका है।
6. नहान से गुरु गोबिन्द सिंह पओंता चले गए जो यमुना तट के दक्षिण सिर्मुर हिमाचल प्रदेश के पास बसा है। वहा उन्होंने पओंता साहिब गुरुद्वारा स्थापित किया और वे वहाँ सिक्ख मूलो पर उपदेश दिया करते थे फिर पओंता साहिब सिक्खों का एक मुख्य धर्मस्थल बन गया। वहाँ गुरु गोबिन्द सिंह पाठ लिखा करते थे। वे तिन वर्ष वहाँ रहे और उन तीनो सालो में वहा बहुत भक्त आने लगे।
7. सितम्बर 1688 में जब गुरु गोबिन्द सिंह 19 वर्ष के थे तब उन्होंने भीम चंड, गर्वल राजा, फ़तेह खान और अन्य सिवालिक पहाड़ के राजाओ से युद्ध किया था। युद्ध पुरे दिन चला और इस युद्ध में हजारो जाने गई। जिसमे गुरु गोबिन्द सिंह विजयी हुए। इस युद्ध का वर्णन “विचित्र नाटक” में किया गया है जोकि दशम ग्रंथ का एक भाग है।
8. नवम्बर 1688 में गुरु गोबिन्द सिंह आनंदपुर में लौट आए जोकि चक नानकी के नाम से प्रसिद्ध है वे बिलासपुर की रानी के बुलावे पर यहाँ आए थे।
9. 1699 में जब सभी जमा हुए तब गुरु गोबिंद सिंह ने एक खालसा वाणी स्थापित की “वाहेगुरुजी का खालसा, वाहेगुरुजी की फ़तेह”. ऊन्होने अपनी सेना को सिंह (मतलब शेर) का नाम दिया। साथ ही उन्होंने खालसा के मूल सिध्दांतो की भी स्थापना की।
10. ‘दी फाइव के’ ये पांच मूल सिध्दांत थे जिनका खालसा पालन किया करते थे। इसमें ब़ाल भी शामिल है जिसका मतलब था बालो को न काटना। कंघा या लकड़ी का कंघा जो स्वछता का प्रतिक है, कडा या लोहे का कड़ा (कंगन जैसा), खालसा के स्वयं के बचाव का, कच्छा अथवा घुटने तक की लंबाई वाला पजामा; यह प्रतिक था। और किरपन जो सिखाता था की हर गरीब की रक्षा चाहे वो किसी भी धर्म या जाती का हो।
11. औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगलों ने गुरु गोबिन्द सिंह को लंबे समय तक याद नही रखा अगले मुगलों के सम्राट बहादुर शाह पहले मुगल थे जो गुरु गोबिन्द सिंह के मित्र बने। उन्होंने उन्हें “भारत का संत” नाम दिया। किन्तु बादमे बहादुर शाह नवाब वजीर खान के बहकावे में आकर सिक्खो पर आक्रमण कर दिया। वजीर खान ने दो पठानों जमशेद खान और वासिल बेग से जब गुरु सो रहे थे तब उनके विश्राम कक्ष में उनपे आक्रमण करवाया।
गुरु गोबिन्द सिंह को गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से शोभित किया गया है क्योकि उन्होंने उनके ग्रंथ को पूरा किया था। गुरु गोबिन्द सिंह ने अपने प्राण 7 अक्टूबर 1708 को छोड़े।
जरुर पढ़े – गुरु नानक जीवनी
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पढाई में मन लगाने का मंत्र | Padhai Me Man Lagane Ka Mantra

पिछलें लेख में हमने आपसे बेहतरीन Study Tips शेयर की थी, आज इस लेख के माध्यम से आपके लिये पढाई में मन लगाने का मंत्र – Padhai Me Man Lagane Ka Mantra दिये हैं। जो विद्यार्थीयों के लिये काफी मदतगार साबित होंगे।



   पढाई में मन लगाने का मंत्र – Padhai Me Man Lagane Ka Mantra

नया Session शुरू होने जा रहा है। बच्चों के खेल कूद के दिन भी खत्म होने वाले है, और 10-12 के Board Exam के लिए भी अभी से बच्चे मेहनत शुरू कर देंगे।

बहुत से बच्चों की शिकायत रहती है की वो पढ़ते तो बहुत है पर उनके उतने अच्छे नंबर नहीं आ पाते जितने की उनसे कम पढ़ने वाले बच्चों के आ जाते है।
तो चलिए जानते हैं ऐसे कारण जो आपको अच्छे नंबर लाने से रोकते हैं।
पढ़ाई में आने वाली रुकावट :
1. Regular स्टडी नहीं करना – आप में से कई बच्चे ऐसे होंगे जो सिर्फ Exam के दिनों में पढ़ते होंगे। या Exam से कुछ दिन पहले पढ़ना शुरू करते हैं।
2. क्रिकेट या किसी और गेम में ज्यादा समय देना – खेलना शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। पर ज़रूरत से ज्यादा समय क्रिकेट देखने या किसी और गेम, में बिताना आपके स्वास्थ्य के साथ साथ आपकी पढ़ाई में भी बाधक है।
3. T.V या Internet में ज्यादा रूचि होना – News या दूसरे ज्ञानवर्धक Program देखना अच्छा है पर T.V व Internet पर ऐसी बहुत सी चीज़े हैं जो न केवल हमारा समय बेकार करती है बल्कि हमारा पढ़ाई में भी मन नहीं लग पाता।
4. आलस्य का होना – बच्चों में आलस्य का होना उनकी असफलता का सबसे बढ़ा कारण है। जिन बच्चों के अच्छे नंबर आते है ऐसा नहीं है की उनकी बुद्धि आपकी बुद्धि से ज़्यदा तेज़ है। बस उनमे एक Quality है वो बिना आलस्य किये लगातार लगे रहते है।
“ऐसा छात्र जो प्रश्न पूछता हैं, वो कुछ समय के लिये मुर्ख कहलाता हैं।
लेकिन् जो पूछता ही नहीं, वो जिंदगीभर के लिये मुर्ख रहता हैं।”
पढाई में मन लगाने का मंत्र – Padhai Me Man Lagane Ka Mantra :
1.. हर काम को समय पर पूरा करे । बचपन से जब हम ये आदत डाल लेंगे तो हमें कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। काम को टालने की कोशिश न करके उसे उसी समय पूरा करे। इस आदत से अपनी पढ़ई भी समय से कर पाएंगे।
कबीर दास जी ने कहा भी है –
“काल करे सो आज कर, आज करे सो अब
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करोगे कब”
2. Exercise आपके स्वास्थ्य और दिमाग दोनों को फिट रखने का सबसे अच्छा तरीका है। कम से कम 20 मिनट Exercise ज़रूर करें।
3. बहुत से बच्चे पढ़ना तो चाहते है पर उनका मन इधर उधर भागने लगता है। अपने मन को Concentrate करने के लिए Meditation सबसे अच्छा तरीका है बच्चों के लिए Meditation करने का सबसे अच्छा तरीका है की शांत जगह ओर बैठकर 1-100 तक काउंट करें। इससे आपकी स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी।
4. रात को पढ़ने की जगह सुबह जल्दी उठकर पढ़ने का अभ्यास करे – सुबह हमारा mind fresh होता है जिससे याद किया गया कोई भी topic जल्दी याद हो जाता है।
5. T.V, मोबाइल, खेलने के लिए टाइम सेट कर ले और उसी टाइम खेले और T.V. देखे। कभी भी पढ़ते समय मोबाइल को अपने पास न रखे।
6. किसी भी चैप्टर को याद करने के बाद उसे एक week बाद revise ज़रूर करें। फिर 1 month बाद revise करें इससे वो चैप्टर पक्का याद हो जाता है।
7. अपना एक लक्ष्य बनाए और उसे बार बार दोहराते रहे जैसे इस साल मुझे 90% मार्क्स लाने है।
8. Parents भी बच्चों की पढ़ाई के समय T.V न देखे इससे बच्चे का मन भी पढ़ाई में नहीं लगता।
9. Session की शुरुआत से ही पढ़ई शुरू कर दे जिससे हर चैप्टर आराम से कवर हो जाएगा। Exam के समय tension नहीं होगी जिससे आप exam में अच्छा perform कर पाएंगे।
10. हमेशा Positive Attitude रखे। हम जैसा सोचते हैं वैसा हमारे जीवन में होने लगता है।
ये बेहतरीन लेख पढाई में मन लगाने का मंत्र हमें Rachna जी द्वारा प्राप्त हुआ है.
Thank You!
Rachna
Blog:  subhvichar786.com
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5 बाते स्वयं का विकास करने के लिए | Self Development In Hindi

कुछ दीन पहिले, हमने काम की क्षमता को बढाने के रास्तो को ढूंड निकाला, इसमें एक बात बहोत जरुरी है की काम खत्म होने के बाद आप रोज अपने द्वारा किये काम का पुनःपरिक्षण (Review) करे, और तभी आप स्वयं का विकास – Self Development कर पाओगे…


लेकिन आप पुनःपरिक्षण कैसे करोगे?

तो आप अपने आप को क्या पुछोंगे?
डरने की कोई बात नही! यहाँ 5 प्रश्न दिए गये है, जो आपने अपना काम का दिन खत्म होने के बाद अपने आप को पूछने चाहिये…
1. क्या मैंने आज अपना लक्ष्य प्राप्त किया?
याद रखिये आपके पास एक लम्बा दिन जरुर हो सकता है लेकिन एक लम्बा जीवन नही. आपको निश्चित घंटो में ही अपने काम को बाटना होता है? और तभी आप उसे समय रहते पूरा कर पाओगे!
बिना किसी शक के अपने लक्ष्य को निर्धारित करना ही आपके दिन का सबसे महत्वपूर्ण काम होना चाहिये.
ऐसा करने से रोज़ आपको प्रेरणा मिलती रहेंगी और धीरे-धीरे आप बड़े-बड़े लक्ष को प्राप्त करने में ध्यान लगा सकोंगे.
इसीलिए अपने कार्यकाल की शुरुवात करने से पहले अपने आप से पूछिये की आज आपको क्या-क्या हासिल करना है. मै वादा करता हु की आप जो निर्धारित करोंगे, दिन के अंत में वही पाओगे.
2. मै कहा गलती कर रहा हु?
यदि पिछले प्रश्न का उत्तर नही है तो यह प्रश्न आपके लिए तार्किक होंगा.
लेकिन आपके लिए अपने आप से ये पूछना जरुरी होंगा की, आपने क्या गलत किया है?
हो सकता है मीटिंग के समय आपके द्वारा उपयोग किये गये शब्द उचित न हो.
हो सकता है की आपने कुछ ऐसा किया हो जो आपके बॉस या क्लाइंट को पसंद न हो.
हो सकता है की आप अपने सहकर्मी को किसी जानकारी की पर्ची देना भूल गये हो, जिसे उन्हें जानना जरुरी था.
ये कहना गलत होंगा की इसकी आपको जरुरत नही. आपको अपनी गलतियों के प्रति सहज होना चाहिये. आसानी से उसे अपनाये और उनमे सुधार करे.
3. मै अपनी गलतियों से क्या सीखता हु? या मैंने अपनी गलतियों से क्या सिखा?
यदि आप अपनी गलतियों से कुछ सीखते हो तो कोई भी गलती बेकार नही होती.
यदि आप ऐसा करोगे तो कोई भी गलती आपसे बार-बार नही होंगी. और आपके दिमाग में हमेशा नए-नए उपाय आते जायेंगे.
इसीलिए अपने दिन को खत्म करने से पहले ही अपने अगले दिन की तयारी कर ले. भूतकाल का विचार करे और सोचे की आपने अपनी गलतियों से क्या-क्या सिखा है.
क्योकि आपकी यही सोच आपको आगे बढ़ने में सहायता करेंगी.
4. मुझे क्या प्रेरित करता है?
कई बार आप जो चाहते हो उसे आसानी से हासिल कर ही लेते हो. कभी-कभी एक ख़राब दिन गुजारे बिना ही आप सफल हो जाते हो.
आप अपने पिछले दिन को याद करिये और अपने आप से पूछिये ऐसी कोंसी चीज़ है जो आपको लगातार आगे बढ़ने में मदद करती है?
अपने आप को उस दिन में ले जाइये जिस दिन आपको असफलता प्राप्त हुई थी. क्यू की ऐसा करने से ही आप अहंकार से दूर रहोंगे और जमीन पर रहोंगे!!!!!!
5. किस बात के लिए मुझे शुक्रियादा करना चाहिये?
इस प्रश्न को पूछे बिना कभी अपने दिन को खत्म ना करे.
अपने जीवन में होने वाली घटनाओ को आसानी से अपनाये.
उन दिनों में जाए जब आप मुसीबत में थे और किसी ने आपकी सहायता की थी, उन दिनों के बारे में याद कीजिये.
फिर वो कोई ऑफिस बॉय भी हो सकता है जो आपके लिए कूरियर लेके आता हो, वह कोई कैंटीन बॉय भी हो सकता है जो आपको चाय पिलाता हो या फिर वो आपका बॉस भी हो सकता है जो मुश्किलों में आपको प्रेरित करता हो.
अपने सहकर्मियों का हमेशा शुक्रियादा करे, क्यू की कई बार वे सिर्फ आपके सहकर्मी ही नही बल्कि सहयोगी भी बन जाते है. कई बार आपके सहकर्मी आपकी मदद कर के आपके दिल को छू जाते है. ऐसे लोगो को अपने जीवन में कभी भी “थैंक यु” कहना ना भूले.
आपका द्वारा कहा गया एक “थैंक यु”, आपमें बहोत बड़ा बदलाव लाएंगा. और यही आपको दूसरो से अलग बनायेंगा.